नेशनल हाईवे की जमीन लौटाएगी सरकार: NHAI जल्द जारी करेगा नोटिस

NHAI Updates (NHAI अपडेट) : देश में विकास के लिए सड़कों और हाईवे का निर्माण जरूरी होता है। लेकिन कई बार सरकार सड़क प्रोजेक्ट के लिए अधिग्रहित जमीन का पूरा इस्तेमाल नहीं कर पाती। अब केंद्र सरकार ने फैसला लिया है कि ऐसी जमीन, जिसका उपयोग हाईवे निर्माण में नहीं हुआ है, उसे असली मालिकों को वापस लौटाया जाएगा। जल्द ही नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) इस संबंध में एक आधिकारिक नोटिस जारी कर सकती है।

जमीन वापसी का नियम : कौन-कौन लोग होंगे लाभार्थी?

सरकार के इस फैसले से लाखों किसान और ज़मीन मालिकों को राहत मिलेगी। अगर आपकी जमीन हाईवे निर्माण के लिए ली गई थी, लेकिन उस पर कोई निर्माण नहीं हुआ, तो आप उसे वापस पा सकते हैं।

किन शर्तों पर मिलेगी जमीन वापस?

  • अधिग्रहित जमीन पर अगर कोई हाईवे, सड़क, पुल या अन्य निर्माण नहीं हुआ है।
  • वह जमीन अब सरकार के किसी अन्य प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल नहीं होने वाली।
  • जमीन के असली मालिकों को एक निश्चित प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
  • संबंधित क्षेत्र की NHAI शाखा इस प्रक्रिया को मॉनिटर करेगी।

किसानों के लिए यह खबर क्यों है अहम?

कई किसानों ने अपनी उपजाऊ जमीन हाईवे प्रोजेक्ट के लिए दी थी, लेकिन वहां कोई निर्माण न होने के कारण वह बेकार पड़ी है। ऐसे में इस जमीन को वापस पाकर किसान फिर से खेती कर सकते हैं या किसी और उपयोग में ला सकते हैं।

उदाहरण के लिए समझें:

  • मध्य प्रदेश के शिवराज सिंह ने 2012 में सरकार को 2 एकड़ जमीन दी थी, लेकिन वहां अब तक कोई निर्माण नहीं हुआ। अगर नया नियम लागू होता है, तो उन्हें उनकी ज़मीन वापस मिल सकती है।
  • उत्तर प्रदेश के रामप्रसाद यादव की ज़मीन हाईवे चौड़ा करने के लिए ली गई थी, लेकिन चौड़ीकरण हुआ ही नहीं। अब वह इस योजना का फायदा उठा सकते हैं।

जमीन वापसी की प्रक्रिया: क्या करें?

अगर आपकी जमीन हाईवे निर्माण के लिए ली गई थी और अब बेकार पड़ी है, तो आप इसे वापस लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं।

आवेदन प्रक्रिया:

  1. NHAI की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
  2. “लैंड रिटर्न रिक्वेस्ट” फॉर्म भरें।
  3. सम्बंधित दस्तावेज़ (खसरा, खतौनी, जमीन अधिग्रहण की रसीद) अपलोड करें।
  4. NHAI की लोकल ब्रांच से संपर्क करें और स्टेटस ट्रैक करें।

ज़रूरी दस्तावेज़:

दस्तावेज़ का नामआवश्यकता
जमीन की मूल रजिस्ट्रीमालिकाना हक साबित करने के लिए
अधिग्रहण की रसीदयह दिखाने के लिए कि सरकार ने आपकी ज़मीन ली थी
पहचान पत्रज़मीन के असली मालिक की पुष्टि के लिए
बैंक डिटेल्सअगर कोई अतिरिक्त मुआवजा जारी किया जाए तो

क्या इस प्रक्रिया में कोई फीस लगेगी?

सरकार ने यह प्रक्रिया निःशुल्क रखी है। हालांकि, कुछ कानूनी औपचारिकताओं के लिए आपको लोकल तहसील या नगर निगम से कुछ दस्तावेज़ लेने पड़ सकते हैं, जिनके लिए मामूली शुल्क लग सकता है।

और देखो : Post Office PPF Scheme: ₹50,000 रूपये

सरकार के इस फैसले के पीछे क्या कारण हैं?

सरकार इस कदम से कई फायदे देख रही है:

  • अनुपयोगी जमीन को सही मालिक को लौटाना ताकि वह इसका सही उपयोग कर सके।
  • किसानों और ज़मीन मालिकों का भरोसा जीतना, जिससे भविष्य में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए जमीन अधिग्रहण में परेशानी न हो।
  • सरकारी भूमि का सही प्रबंधन ताकि फालतू पड़ी ज़मीन से अतिक्रमण और विवादों से बचा जा सके।

क्या NHAI हर राज्य में जमीन लौटाएगी?

NHAI द्वारा राज्यवार डेटा इकट्ठा किया जा रहा है कि कहां-कहां जमीन बेकार पड़ी है। सबसे पहले उन इलाकों में ज़मीन लौटाई जाएगी जहां सबसे ज्यादा विवाद चल रहे हैं।

किन राज्यों में सबसे ज्यादा जमीन लौटने की संभावना है?

राज्यसंभावित ज़मीन वापसी (एकड़ में)
उत्तर प्रदेश10,000+
मध्य प्रदेश8,500+
बिहार7,000+
राजस्थान6,200+
महाराष्ट्र9,000+

क्या आपको यह मौका गंवाना चाहिए?

अगर आपकी जमीन हाईवे प्रोजेक्ट के लिए ली गई थी और अब तक उसका उपयोग नहीं हुआ, तो यह आपके लिए एक सुनहरा मौका हो सकता है। सरकार की इस पहल से लाखों लोगों को राहत मिलेगी।

क्या करें?

NHAI की वेबसाइट पर विजिट करें
आवश्यक दस्तावेज़ तैयार रखें
लोकल ऑफिस में संपर्क करें

Leave a Comment